पुरुषों के लिए आ गया गर्भनिरोधक इंजेक्शन, अब 13 साल तक टेंशन खत्म
भारतीय मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने पुरुषों को लगने वाले गर्भनिरोधक इंजेक्शन का सफल ट्रायल किया है।
यह रिवर्सिबल इनबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस (RISUG) है, जो एक तरह का गर्भनिरोधक इंजेक्शन ही है। इसके बाजार में आ जाने से पुरुषों को अब गर्भनिरोध के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन में यूज होने वाला ड्रग्स एक तरह का सिंथेटिक पॉलिमर है।
ऑपरेशन में जिन 2 नसों को काटकर डॉक्टर इलाज करते हैं, उन्हीं दोनों नसों में इस प्रक्रिया यानी पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन के तहत सिंथेटिक पॉलिमर दिया जाता है, जिसमें स्पर्म घूमते हैं। यही वजह है कि इस प्रक्रिया के तहत दोनों नसों में एक-एक इंजेक्शन लगाया जाता है।
इंजेक्शन लगाने के बाद निगेटिव चार्ज होने लगता है और स्पर्म टूट जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन यानी गर्भ नहीं ठहरता। इनके अनुसार चूहे, खरगोश और अन्य जानवरों पर ट्रायल लेने के बाद इंसानों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया।
ट्रायल में पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन 99.2 प्रतिशत तक अनचाही प्रेग्नेंसी रोक पाने में सफल रहा।लग सकते हैं 6-7 महीने
क्योंकि ICMR की तरफ से पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन को मंजूरी के लिए डीजीसीआई के पास भेजा जा चुका है। ऐसे में रिवर्सिबल इनबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस (RISUG) और बाजार के बीच में डीजीसीआई सबसे बड़ी बाधा है।
डीजीसीआई के अनुसार इस इंजेक्शन को मंजूरी में 6-7 महीने का समय लग सकता है। क्योंकि इस तरह का इंजेक्शन पहली बार सामने आएगा, ऐसे में हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं।