गुर्दे या किडनी की पथरी को बिना ऑपरेशन निकालने का घरेलू इलाज

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गुर्दे या किडनी की पथरी को बिना ऑपरेशन निकालने का घरेलू इलाज | kidney stone ka ilaj गुर्दे की पथरी तब बनती है जब नमक और खनिज क्रिस्टलीकृत होकर यूरिनरी सिस्टम में कहीं भी एक साथ चिपक जाते हैं। इसे यूरोलिथियासिस या कैल्सी के रूप में भी जाना जाता है।

शरीर में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के असंतुलन के कारण कई बार पेशाब में कैल्शियम जमा हो जाता है। अगर पेशाब के साथ कैल्शियम निकल जाता है तो ठीक है वरना गुर्दे में जमा होकर पथरी बना देता है। कैल्शियम के जमा होने के कारण भोजन में ज्यादा कैल्शियम होना है। पथरी किसी भी उम्र में हो सकती है, कई बार आनुवांशिक कारणों से पथरी होती है। खान पान में असंतुलन भी पथरी का कारण बनती है।

अमूमन गुर्दे में पथरी होने पर सबसे पहले ऑपरेशन करवाने का ख्याल ही मन में आता है, लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

  1.  गिलोय गिलोय को गुड़ूची के नाम से भी जाना जाता है। वनों में पायी जाने वाली इस बेल को पथरी और पथरी से जुड़े अन्य विकारों के इलाज के लिए जबरदस्त माना गया है।
  2.  पेशाब करते समय यदि जलन महसूस हो तो गिलोय के तने का चूर्ण 10 ग्राम आंवला के फ लों का चूर्ण 10 ग्राम सोंठ चूर्ण 5 ग्राम गोखरु के बीजों का चूर्ण 3 ग्राम और अश्वगंधा की जड़ों का चूर्ण 5 ग्राम लिया जाए और इसे 100 उस पानी में उबाला जाए, प्राप्त काढ़े को रोगी को दिन में एक बार प्रतिदिन एक माह तक दिया जाना चाहिए। 
  3. पुनर्नवा खरपतवार समझे जाने वाला यह पौधा किडनी में पथरी के लिए एक महत्वपूर्ण पौधा है। पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार पथरी की वजह से कमर और पेट में दर्द होने पर पुनर्नवा,कचूर और अदरक की समान मात्रा लेकर रोगी को खिलाना चाहिए, दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
  4.  बड़ा नींबू या कागज़ी नींबू इसका एक गिलास रस तैयार कर सुबह सुबह खाली पेट पी लिया जाए, पांच मिमी के आकार तक की पथरी घुलकर निकल आने का दावा ग्रामीण अंचलों के जानकार करते हैं। आंवला पेशाब करते समय जलन या कम पेशाब होने की शिकायत हो तो आंवले से बेहतर उपचार कोई और नहीं। 
  5. आंवले के फ लों का रस, शक्कर और घी का मिश्रण अतिकारगर होता है। हर्बल जानकार भुमका आंवले के रस के साथ, इलायची के दानों को मिलाते है और हल्का गर्म करके पीने की सलाह देते हैं, इनके अनुसार उल्टियां, चक्कर या पेट दर्द जैसी समस्याओं में यह राहत देता ही है। 
  6. दारू, हल्दी और आंवले के फलों का चूर्ण समान मात्रा में लेने से पेशाब संबंधित समस्याओं में गजब का फायदा होता है। अश्वगंधा अश्वगंधा की जड़ों का गुनगुना रस पीने से पथरी का दर्द कम होता है। 
  7. अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला के फ लों का रस समान मात्रा में आधा आधा कप लिया जाए तो मूत्राशय और मूत्र मार्ग में पेशाब करते समय जलन की शिकायत खत्म हो जाती है और माना जाता है कि यह पथरी को गलाकर पेशाब मार्ग से बाहर भी निकाल फेंकता है। 
  8. अच्छे परिणामों के लिए इस नुस्खे का इस्तेमाल कम से कम दो माह तक किया जाना चाहिए। सौंफ सौंफ की चाय को पथरी के इलाज के लिए एक कारगर उपाय माना जाता है। 
  9. सौंफ की चाय बनाने के लिए आधा चम्मच सौंफ के बीजों को कुचल लिया जाए और दो कप पानी में पांच मिनट तक उबाला जाए, जब यह गुनगुना हो जाए तो इसे पी लिया जाना चाहिए। 
  10. ऐसा प्रत्येक दिन दो से तीन बार किया जाए तो पेट दर्द और किडनी के दर्द में राहत मिलती है। सौंफ की जड़ों का रस 25 मिली दिन में दो बार लेने से पेशाब से जुड़ी समस्याओं में तेजी से राहत मिलती है।

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