Cervical Spondylosis Treatment in Hindi | सर्वाइकल/गर्दन के दर्द का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
दिन भर बैठे रहने से, कुर्सी या सोफे पर आड़े-टेढ़े बैठने से, सीधा न चलने और कम शारीरिक मेहनत की वजह से कई बार हमारी कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं और इनमें दर्द शुरू हो जाता है।
इस वीडियो में आप जानेंगे:
घरेलू उपाय (उपचार)
- सोने की मुद्रा: सख्त गद्दे का प्रयोग करें और अपना सिर जमीन के तल पर रखें. पीठ को 15 डिग्री तक मोड़ने वाले तकिये का प्रयोग करें। पेट के बल ना सोएँ। ये गर्दन को फैलाता है।
- पीठ के बल या करवट लेकर सोएँ।दर्द कम करने के लिए गर्दन पर बर्फ या गर्म, कोई एक, सिंकाई करें। बारी-बारी से गर्म और ठन्डे का प्रयोग, किसी एक से ही करते रहने की अपेक्षा, अधिक असरदार होता है।
- दवाई की दुकान पर मिलने वाले दर्द निवारक जैसे आइबूप्रोफेन, नाप्रोक्सेन, या एसिटामिनोफेन का प्रयोग सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
- गर्दन में पहनने हेतु नर्म कॉलर गर्दन की गति सीमित करती है और माँसपेशियों को आराम देती है लेकिन इसे थोड़े समय के लिए ही पहनना चाहिए क्योंकि लम्बे समय तक पहनने से गर्दन की माँसपेशियों की शक्ति घट जाती है।
- आप सीधे वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं, दोनों हाथों की मुट्ठी बांधकर छाती के सामने कुछ इस प्रकार रखें। फिर धीरे-धीरे सांस भरते हुए मुट्ठी को सामने की तरफ़ खीचें, ध्यान रखें आपकी हथेली की मुट्ठी आपस में खुलनी नहीं चाहिए। आपको अपनी कलाई को अधिक से अधिक खींचना है आगे की तरफ़, कुछ सेकण्ड्स के लिए पूर्ण स्थिति में जाकर रुकना है,फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आपको वापस सामान्य स्थिति में आना है। इस क्रम को आप लगातार 10 से 15 बार दोहराएंगे। इसके लगातार अभ्यास से हाथों से लेकर गर्दन तक की नाड़ियां खुल जाएंगी और सर्वाइकल का दर्द ठीक हो जाएगा।