Arthritis | Joint Pain | गठिया का दर्द घरेलू उपचार से करें हमेशा के लिए खत्म

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Arthritis | Joint Pain | गठिया का दर्द घरेलू उपचार से करें हमेशा के लिए खत्म



Arthritis, Joint Pain, गठिया के दर्द का घरेलू उपचार गठिया का रोग होने पर शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर की हड्डियां कमजोर होने पर जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर में सूजन और उठने-बैठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है इस घरेलू उपचार से गठिया के दर्द को ठीक किया जा सकता है ।

जॉइंट दर्द: उपचार, प्रक्रिया, लागत और साइड इफेक्ट्सउपचार क्या है? इलाज कैसे किया जाता है? इलाज के लिए कौन पात्र है? (इलाज कब किया जाता है?) उपचार के लिए कौन पात्र नहीं है? क्या कोई भी दुष्प्रभाव हैं? उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं? ठीक होने में कितना समय लगता है? भारत में इलाज की कीमत क्या है? उपचार के परिणाम स्थायी हैं? उपचार के विकल्प क्या हैं?





उपचार क्या है?

जब जोड़ों मे तकलीफ या दर्द होता है, तो उससे जोड़ों का दर्द (जॉइंट पैन) कहा जाता है। जोड़ों में दर्द के कई कारण हो सकते है. जैसे कि 

  1. चोट लगना, 
  2. संक्रमण (इन्फेक्शन) के कारण,
  3. आर्थराइटिस (हड्डीयों की कमजोरी) के कारण 
  4. या फिर बहुत काम मामलों मे जॉइंट कैंसर (जोड़ों मे कैंसर) के कारण हो सकता है।
 ज्यादातर घुटने, टखने, एल्बो और कंधों मे जोड़ो का दर्द हो सकता है। कभी-कभी, यह दर्द कुछ यौन संचरित रोगों (एसटीडी) के कारण भी हो सकता है, जैसे
  1.  क्लैमाडिया (आंखों मे सूजन)
  2. और गोनोरिया (सूजाक)
 
अतिरिक्त भौतिक गतिविधि (शारीरिक परिश्रम) या अत्यधिक व्यायाम करने से भी जोड़ो मे दर्द हो सकता है। जोड़ों के दर्द के साथ साथ इसके लक्षणों (सूजन, लंगड़ा, जोड़ो मे लाल हो जाना) को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
 
 जोड़ो का दर्द कितना कम या ज़्यादा है या फिर जोड़ो दर्द की समस्या कितनी गंभीर है उस अनुसार इलाज किया जाता है। इसका इलाज के कई तरीके है। अगर कोई चोट लगने के कारण जोड़ो मे दर्द है तो चोट ठीक (दवाई और मलम-पट्टी के सहारे) होने पर जोड़ो का तकलीफ भी दूर हो जाएगी।
 
 उसी प्रकार, अगर जोड़ो मे दर्द आर्थराइटिस (जोड़ों की सूचन) क लिए हो रहा हे तो दवाई (दवाई जो हड्डीयों मे सूजन को ठीक करे और एंटीबायोटिक दवाओं) और उपचार के मदत से उसका इलाज किया जाता है। 
 
अंत में, अगर आपके जोड़ों में दर्द संक्रमण या एसटीडी के कारण होता है, तो दर्द का इलाज करना अनिवार्य रूप से सबसे पहले अंतर्निहित समस्या कासमाधान करना है। इसमें एंटीबायोटिक दवाओं शामिल होती है जो आपके संक्रमण को ठीक करने के लिए विशिष्ट होती है।
 
गठिया रोग के दर्द को भगाने के घरेलू उपाय – गठिया के दर्द से तुरंत राहत घरेलू उपाय

आजकल कम उम्र के बच्चे और युवा भी गठिया का शिकार हो रहे हैं. गठिया में काफी तेज दर्द होता है और सूजन भी रहती है. ये सूजन जोड़ों में यूरिक एसिड के जमने के कारण होती है. अगर आप इस दर्द और सूजन से तुरंत राहत पाना चाहते हैं, तो इन आसान घरेलू उपायों को अपना सकते हैं.

आलू का रस –
रोजाना 100 मि.ली. आलू का रस पीने से दर्द से छुटकारा मिलता है लेकिन इसे खाना खाने से पहले ही पीएं।

सौंठ – सौंठ यानि सूखा अदरक औषधीय गुणों से भरपूर गठिए के रोगी के लिए काफी फायदेमंद होता है। आप इसका सेवन किसी भी तरह कर सकते हैं।

एलोविरा जेल – गठिए के कारण होने वाली दर्द से राहत पाने के लिए एलोविरा जेल को उस पर लगाएं। इससे आपकी दर्द बहुत जल्दी ठीक जाएगी।

लहसुन – गठिए के रोगी के लिए लहसुन बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप इसे खाना पसंद नहीं करते तो इसमें सेंधा नमक, जीरा, हींग, पीपल, काली मिर्च और सौंठ आदि सारी चीजें 2-2 ग्राम लेकर पेस्ट बना लें और इसे अरंडी के तेल में भूनें। अब इसे दर्द वाली जगह पर लगाएं।

अरंडी के तेल – जोड़ों में ज्यादा तेज दर्द होने पर अरंडी के तेल से मालिश करें। इससे दर्द से तो राहत मिलेगी साथ ही में सूजन भी कम होगी।

स्टीम बॉथ – गठिए की दर्द से छुटकारा पाने के लिए स्टीम बॉथ लें और बाद में जैतून के तेल से मालिश करें।

बथुआ के पत्तों का रस –
गठिया की दर्द से राहत पाने के लिए बथुआ का रस काफी कारगार है। रोजाना 15 ग्राम ताजे बथुआ के पत्तों का रस पीएं लेकिन इसके स्वाद के लिए इसमें कुछ न मिलाएं। इस उपाय को लगातार तीन महीने करने से दर्द से हमेशा के लिए राहत मिलेगी।

ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीना – गठिया से पीडि़त होने पर ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में पानी पिएं। शुरूआत में बार बार पेशाब जाने पर आपको दिक्‍कत हो सकती है लेकिन कुछ दिनों में आराम मिल जाएगा।

हरी पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन –
गठिया रोगी को हमेशा हरे पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन करना चाहिए, इससे बॉडी में ऊर्जा मिलती है और दर्द भी नहीं होता।

संतुलित और सुपाच्य आहार लें। चोकर युक्त आटे की रोटी तथा छिलके वाली मूंग की दाल खाएं। हरी सब्जियों में सहिजन, ककड़ी, लौकी, तोरई, पत्ता गोभी, गाजर, आदि का सेवन करें। दूध और उससे बने पदार्थों का सेवन करें।


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