सावधान: कोरोना से बचना है तो घर में भी मास्क है जरूरी, पर इन नियमों को भी मत भूल जाना
सावधान: कोरोना से बचना है तो घर में भी मास्क है जरूरी, पर इन नियमों को भी मत भूल जाना
‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’, ‘सफाई, दवाई, कड़ाई, जीतेंगे कोरोना से लड़ाई’। कोरोना महामारी को लेकर ऐसे कई स्लोगन सोशल मीडिया पर पिछले साल से ही वायरल हो रहे हैं और अभी भी चलन में हैं। अगर हमें कोरोना के खिलाफ जंग जीतनी है तो इन्हें चलन में रखना ही पड़ेगा। फिलहाल देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, जिसने भारी तबाही मचाई है। मरीजों को न तो पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल रहा है और न ही अस्पतालों में बेड, जिसकी वजह से काफी संख्या में लोगों की मौतें हो रही हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हम खुद का बचाव करें और संक्रमित होने से बचें और इसके लिए जरूरी है कि हम मास्क पहनें। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने सोमवार को कहा कि यह समय किसी को भी घर पर आमंत्रण देने का नहीं है बल्कि घर पर रहने और घर पर भी मास्क लगाकर रहने का है।
केंद्रीय संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) लव अग्रवाल ने भी मास्क नहीं लगाने से होने वाले खतरे के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति मास्क नहीं लगाता है और गाइडलाइन का पालन नहीं करता है तो कोरोना संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक बढ़ सकता है। वहीं मास्क लगाने से और गाइडलाइन का पालन करने से यह खतरा 30 फीसदी तक कम हो सकता है।
उन्होने यह भी कहा है कि अगर गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है तो कोरोना से एक संक्रमित व्यक्ति महज 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यहां गाइडलाइन का मतलब है, मास्क पहनना, सुरक्षित शारीरिक दूरी रखना, हाथों को बार-बार धोते रहना या सैनिटाइज करना और घर में साफ-सफाई आदि का ध्यान रखना। यही सारी चीजें कोरोना से बचाव के लिए जरूरी हैं।
कोरोना से बचाव में सर्जिकल मास्क कितना कारगर?
अब सवाल उठता है कि आखिर कौन सा मास्क पहनें, जिससे कोरोना से बचाव हो सके, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि साधारण मास्क संक्रमण से 56 फीसदी तक ही सुरक्षा देते हैं, लेकिन अगर इन मास्क को किनारों से मोड़कर पहना जाए, जिससे यह चारों ओर से बंद हो जाए, तो इसकी प्रभावकारिता 77 फीसदी तक हो जाती है।
क्या डबल मास्किंग कारगर है?
हाल ही में अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने लोगों से डबल मास्किंग को प्रयोग में लाने की सलाह दी है। यहां डबल मास्किंग का मतलब है कि एक साथ दो मास्क पहनना। अब आप सोच रहे होंगे कि इससे क्या फायदा? तो इस बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करके संक्रमण के ड्रॉपलेट को रोकने में 90 फीसदी तक मदद मिल सकती है।
कैसे करें डबल मास्किंग?
सीडीसी के मुताबिक, डबल मास्किंग के लिए एक साधारण और एक सर्जिकल मास्क पहना जा सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि पहले अच्छे तरीके से सर्जिकल मास्क को पहन लें और फिर उसके ऊपर कोई साधारण मास्क या फिर एक और सर्जिकल मास्क पहन सकते हैं। इस दौरान ध्यान रखना है कि दोनों मास्क लगाने के बाद आपकी नाक और मुंह अच्छी तरह से ढके रहने चाहिए।
डबल मास्किंग कब करें?
विशेषज्ञ कहते हैं कि जब आप किसी बहुत जरूरी काम से घर से बाहर निकल रहे हैं, तो डबल मास्क का उपयोग करें। खासकर उन स्थानों पर तो जरूर करें, जहां भीड़ ज्यादा होती है और वहां सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करना थोड़ा मुश्किल हो। इस तरह से आपके संक्रमण से बचने की संभावना अधिक रहती है।