थैलेसीमिया रोग: कारण, लक्षण, प्रकार और उपचार

Ayurveda
निरंतर थकान या कमजोरी से ग्रस्त हैं और पेट की सूजन, डार्क यूरिन, पीले रंग की त्वचा या फेसिअल बोन डेफोर्मिटीज़ का सामना कर रहे हैं, तो थेलेसेमिया के जोखिम पर हैं। ये रोग अनुवांशिक होने के कारण पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। यह रोग काफी कष्टदायक होता है दोनों मरीज़ के लिए और सम्पूर्ण परिवार के लिए भी। 

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 Thalassemia Symptoms:

  • जो लोग निरंतर थकान या कमजोरी से ग्रस्त हैं और पेट की सूजन, डार्क यूरिन , पीले रंग की त्वचा या फेसिअल बोन डेफोर्मिटीज़ का सामना कर रहे हैं, तो थेलेसेमिया के उपचार के उच्य जोखिम पर हैं। हैं। साथ ही, जिन लोगों के पास थेलेसेमिया का पारिवारिक इतिहास है, तो उन्हें इनहेरिट हों का खतरा अधिक होता है।
  • यदि आप किसी अन्य चिकित्सा स्थिति से गुजर रहे हैं, तो इसके दुष्प्रभाव के कारण कमजोरी, डार्क यूरिन या पीले रंग की त्वचा हो सकती है।
    क्या कोई भी दुष्प्रभाव हैं?
  • ब्लड ट्रांसफ्यूज़न आपके ब्लड में भारी मात्रा में आयरन का इरेक्शन करता है। अतिरिक्त आयरन को हटाने के लिए आपको मौखिक दवाएं जैसे डेफरसिरोक्स लेना होगा।
    उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं?
  • आपको अपने शरीर में रेड ब्लड सेल्स के काउंट बढ़ाने के लिए फोलिक एसिड की खुराक भी लेनी पड़ सकती है। आपका आहार स्वस्थ होना चाहिए और इसमें पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी होना चाहिए। कोई अन्य विटामिन और सप्लीमेंट ना लें, जिसमे आयरन हो। 
  • माइल्ड थैलेसेमिया का इलाज कुछ समय में ठीक हो जाती है। गंभीर थैलेसेमिया में कुछ साल लग सकते हैं या फिर उपचार पूरा जीवन भी चल सकता है। आपको ब्लड ट्रांसफ्यूज़न नियमित रूप से प्राप्त करना पड़ सकता है।
  • अगर थैलेसेमिया का इलाज सही से जन्म के समय नहीं किया जाता है तो यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है।व्यक्ति को पुरे जीवन भर ताका के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के लिए जाना पड़ता है।
    उपचार के विकल्प क्या हैं?
  • थैलेसेमिया के लिए कोई वैकल्पिक उपचार नहीं है लेकिन आप कैल्शियम और विटामिन डी में समृद्ध आहार ले कर घर पर अपने थैलेसेमिया का प्रबंधन कर सकते हैं। आपको स्वच्छता की स्थिति बनाए रखें, ताकि आप संक्रमण से दूर रह सकें।

Thalassemia Treatment

  • थेलेसीमिया असामान्य हीमोग्लोबिन और रेड ब्लड सेल्स उत्पादन के कारण होने वाल ब्लड डिसऑर्डर है। 
  • हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन ले जाने में आपके रेड ब्लड सेल्स की सहायता करता है। 
  • रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन में कमी के परिणामस्वरूप एनीमिया हो सकता है। 
  • आप हर समय कमजोरी और थकावट महसूस करते हैं। 
  • आप पेट में सूजन, डार्क यूरिनया पीले रंग की त्वचा का भी अनुभव कर सकते हैं। 
  • यह एक आनुवंशिक स्थिति है और बचपन समय में हीं निदान किया जा सकता है।
  •  हल्के थेलेसीमिया वाले लोगों को ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की आवश्यकता हो सकती है। 
  • मध्यम से गंभीर थेलेसीमिया वाले लोगों को लगातार ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की आवश्यकता होती है।
  •  गंभीर थेलेसीमिया से पीड़ित लोगों के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक और उपचार है।

ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के दौरान, किसी विशेष क्षेत्र में आवश्यक ब्लड कॉम्पोनेन्ट को नसों के द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। यदि आपकी स्थिति में लगातार ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की आवश्यकता होती है, तो आपके ब्लड में आयरन की निर्मित होने की संभावना उच्य होती है। आपको अपने ब्लड में अतिरिक्त आयरन को दूर करने के लिए नियमित दवाएं लेनी होंगी। स्टेम सेल्स ट्रांसप्लांट, जिसे बोन मेरो ट्रांसप्लांट के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रोगी के स्टेम सेल्स ट्रांसप्लांट होती हैं। स्टेम सेल्स सेल्स आम तौर पर बोन मेरो या गर्भनाल ब्लड से उत्पन्न होती हैं। गंभीर थैलेसेमिया से पैदा होने वाले बच्चों के लिए यह प्रक्रिया अत्यधिक प्रभावी है। अगर जन्म के समय सही किया जाता है, तो यह पूरे जीवन में ब्लड ट्रांसफ्यूज़न और दवाओं की आवश्यकता को खत्म कर देता है।

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