अपने बच्चे को वायरल इंफेक्शंस से बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

Ayurveda
बच्चों को पहले ही उचित टीकाकरण द्वारा संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। उनका इलाज वायरसरोधि दवाइयों द्वारा भी किया जा सकता है। 

लेकिन आमतौर पर, वायरल संक्रमण का सबसे अच्छा इलाज उचित आराम, पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन और संक्रमण को उसकी प्राकृतिक अवधि में समाप्त करने देना ही है

अपने बच्चे को वायरल इंफेक्शंस से बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स 

Common tips to protect children from viral infections are:

  • वायरल संक्रमणों से बचाव के सबसे अजेय तरीकों में से एक है बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मजबूत करना। इसके लिए सबसे सही तरीका है अच्छा खानपान।
  •  नवजात शिशुओं के लिए उनकी मां का दूध, जबकि सभी आयु वर्ग के बच्चों के लिए बहुत सारे फल और सब्जियां सबसे अच्छा भोजन हैं। 
  • बच्चों के शरीर को पानी, दूध और फलों के रस के जरिए ऊर्जावान बनाए रखें। उनका स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भोजन और सोडा, चिप्स, चॉकलेट व कुकीज जैसे स्नेक्स का सेवन सीमित करें। 
  •  बच्चों के खानपान में दलिया और अनाज की खपत बढ़ाएं।
  • हानिकारक बेक्टीरिया और वायरसों के लिए मच्छर, मक्खी, चिंचड़ी, पिस्सू और कांक्रोच सबसे सक्रिय वाहक होते हैं तथा बच्चे इनका आसानी से निशाना बन जाते हैं। 
  • भले ही घर साफ-सुथरा हो, लेकिन ये कीड़े हमेशा घरों में घुसने और हमला करने का तरीका ढूंढते हैं। इसलिए, माता-पिता को अपने घरों में और आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए कुछ अतिरिक्त निवारक उपाय करने चाहिए। 
  • मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के अंदर किसी भी बंद नाली या चैनल और घर के आसपास जमा पानी की जांच करें।
  •  सुबह और शाम के समय अपने बच्चों को घर से बाहर कम ही निकलने दें। मच्छरों के पैदा होने पर रोक लगाने के लिए अपने अड़ोस-पड़ोस को कूड़े, फेंके गए कंटेनरों और गंदगी के ढेर से मुक्त रखें। 
  • बच्चों के शुरुआती जीवन में ही डिप्थीरिया, टेटनस, हूपिंग कफ (पर्टुसिस) (DTaP),पोलियो (IPV), रोटावायरस (RV), इन्फ्लुएंजा (फ्लू), खसरा (मीजल्स), कंठमाला (ममप्स), रूबेला (MMR) आदि बीमारियों का अनिवार्य टीकाकरण करा लेना चाहिए। 
  •  कपड़े के रूमाल के मुकाबले गीला व मेडिकेटिड स्किनकेयर वाइप्स और टिशू पेपर त्वचा पर सौम्य अहसास कराते हैं। साथ ही इसका सबसे अच्छा पहलू ये है कि वे (वाइप्स व टिशू पेपर) उपयोग करने के बाद आसानी से फेंकें जा सकते हैं।
  •  सबसे अहम बात, पेरेंट्स को तत्काल अपने हाथ साबुन व पानी से अच्छी तरह धोने चाहिए, जिससे उनके हाथों से चिपके हानिकारक बैक्टीरिया धुलकर निकल जाएं।

 

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