वायरल बुखार के कारण, लक्षण और बचाव

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 वायरल बुखार के कारण, लक्षण और बचाव-

जैसे ही मौसम में बदलाव आने लगता है वैसे ही फ्लू यानि वायरल बुखार और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. आम सर्दी और फ्लू वायरस के कारण फैलते हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होता है. वह तरीके जिनसे से आप को सर्दी और फ्लू हो सकता है

मौसम में हो रहे इस बदलाव से वायरल बुखार ने तेजी से पैर पसार लिया है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। इन दिनों सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। सबसे ज्यादा मरीज बालरोग और मेडिसिन में आ रहे हैं।


हमेशा गर्म कपड़ों से कवर रहें फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें ठंडी चीजों से परहेज करें मच्छर वाली जगह से दूर रहें हमेशा हाथ धोकर ही खाना खाएं बच्चों को एस्पिरिन देने से बचें अधिक मात्रा में पैरासिटामोल और एस्पिरीन लेने से बचें, इससे पेट से खून बहना, लीवर खराब होना या किडनी की समस्या हो सकती है जानें बुखार में कब लें डॉक्टर की राय (When to Consult Doctor in Fever) बड़ों की तुलना में बच्चों में बुखार के लक्षण ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए हम आपको उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप ये जान पायेगें कि आपको डॉक्टर की सलाह कब लेनी है 

वायरल बुखार के लक्षण

  1. तेज बुखार आना
  2. ठंड लगना
  3. पूरे शरीर में दर्द होना
  4. नाक से पानी आना
  5. गले में खराश
  6. हल्की खांसी आना 
  7. दस्त होना
  8. शरीर का तापमान 103°C या इससे ज्यादा होना 
  9. लगातार सिरदर्द रहना ठंड लगना या कंपकंपी आना 
  10. हाथ पैरों में दर्द होना शारीरिक कमजोरी महसूस करना
  11.  मांसपेशियों में खिंचाव या ऐँठन महसूस करना
बुखार के उपचार (Fever Treatment) 

1. गिलोय, पपीते और तुलसी के पत्तों वाले काढ़े का दिन में कम से कम 2 बार सेवन करेंं।
2. अगर आपको भी है बुखार, तो इन तरीकों से पाएं आरामआराम करना
3.ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना (सूप, सीमित मात्रा में हर्बल चाय आदि)
4. ठंडे पानी की पट्टियां रखना
5. बुखार की जांच करवाएं
6. डॉक्टर की सलाह पर दवा लें
7. बुखार की जांच के बाद जरूरी टीकाकरण करवाना
8. इलेक्ट्रॉल या नमक चीनी के घोल का सेवन दिन में 2-3 बार करें

 बुखार के समय की सावधानियां (Fever Precautions) 

  1. बारिश में भीगने से बचें 
  2. साफ पानी पीएं
  3. तेज धूप में न निकलें
  4.  सब्जियों को अच्छे से पकार खाएं
  5.  छह से आठ लीटर पानी पीएं
  6. सड़े गले फल न खाएं
  7. वारयल से पीड़ित मरीज से दूरी बनाएं
  8.  सुपाच्य और पौषटिक भोजन का सेवन करें 
  9. अदरक वाली चाय पीएं
  10.  घर के अंदर पानी इकट्ठा न होने दें 
  11. बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं बारिश के बाद सक्रिय हो जाता है वायरस

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